लेखनी कहानी -25-Aug-2023
Hasya Kavita- वेटिंग रूम में फँसे
काका’ वेटिंग रूम में फँसे देहरादून । नींद न आई रात भर, मच्छर चूसें खून ॥ मच्छर चूसें खून, देह घायल कर डाली । हमें उड़ा ले ज़ाने की योजना बना ली ॥ किंतु बच गए कैसे, यह बतलाएँ तुमको । नीचे खटमल जी ने पकड़ रखा था हमको ॥
हुई विकट रस्साकशी, थके नहीं रणधीर । ऊपर मच्छर खींचते नीचे खटमल वीर ॥ नीचे खटमल वीर, जान संकट में आई । घिघियाए हम- “जै जै जै हनुमान गुसाईं ॥ पंजाबी सरदार एक बोला चिल्लाके – | त्व्हाणूँ पजन करना होवे तो करो बाहर जाके ॥ काका हाथरसी